सिटी प्रतापगढ़ का किला, जिसे आमतौर पर प्रतापगढ़ किला कहा जाता है, उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में स्थित एक ऐतिहासिक धरोहर है। इस किले का निर्माण 17वीं शताब्दी में राजा प्रताप बहादुर सिंह द्वारा किया गया था, जिनके नाम पर इस जिले का नाम प्रतापगढ़ पड़ा। यह किला न केवल अपने स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके निर्माण और इतिहास से जुड़ी कहानियों के लिए भी जाना जाता है।
प्रतापगढ़ किले का निर्माण 1617 में शुरू हुआ था और यह अवध के नवाबों के शासनकाल के दौरान एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक केंद्र के रूप में उभरा। किले का निर्माण रणनीतिक दृष्टि से किया गया था, ताकि यह दुश्मनों के आक्रमण से सुरक्षा प्रदान कर सके। इसके चारों ओर गहरी खाई और मजबूत दीवारें इसे एक अभेद्य दुर्ग बनाती हैं।
किले के भीतर कई महल और भवन हैं, जो उस समय की भव्यता और शाही जीवनशैली को दर्शाते हैं। इनमें से कुछ भवनों का उपयोग प्रशासनिक कार्यों के लिए किया जाता था, जबकि अन्य शाही परिवार के निवास स्थान के रूप में कार्य करते थे। किले के भीतर एक सुंदर बगीचा भी है, जो शाही परिवार के लिए विश्राम का स्थान था।
प्रतापगढ़ किला इतिहास के कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है। यह किला स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी एक महत्वपूर्ण स्थल रहा है, जहाँ कई गुप्त सभाएँ आयोजित की गईं। इसके अलावा, यह किला स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का केंद्र भी रहा है, जहाँ विभिन्न त्योहारों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता रहा है।
हालांकि समय के साथ किले की स्थिति में कुछ गिरावट आई है, लेकिन यह आज भी अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को बनाए हुए है। स्थानीय प्रशासन और पुरातत्व विभाग द्वारा इसके संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि यह धरोहर आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रह सके।
सिटी प्रतापगढ़ का किला न केवल इतिहास प्रेमियों के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। यह किला प्रतापगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और गौरवमयी इतिहास का प्रतीक है, जो आज भी लोगों को प्रेरित करता है और इस क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहर को जीवित रखता है।