प्रतापगढ़ जंक्शन रेलवे स्टेशन, जिसे अब "मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जंक्शन" के नाम से जाना जाता है, उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। इस स्टेशन का इतिहास और विकास काफी दिलचस्प है। प्रतापगढ़ जंक्शन को 1838 में स्थापित किया गया था और इसे 2022-23 के दौरान पुनर्निर्मित किया गया है। यह स्टेशन उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के अंतर्गत आता है।
प्रतापगढ़ जंक्शन का नाम हाल ही में बदलकर "मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जंक्शन" रखा गया है, जो कि प्रतापगढ़ के प्रमुख धार्मिक स्थल बेल्हा देवी मंदिर के नाम पर आधारित है। इसके अलावा, अंतू और विश्वनाथगंज स्टेशनों के नाम भी बदलकर "मां चंद्रिका देवी धाम अंतू" और "शनिदेव धाम विश्वनाथगंज" कर दिए गए हैं।
प्रतापगढ़ जंक्शन से होकर कई महत्वपूर्ण ट्रेनें गुजरती हैं, जिनमें प्रमुख हैं मुंबई लोकमान्य तिलक प्रतापगढ़ जं. सुपरफास्ट स्पेशल, भोपाल जं. प्रतापगढ़ जं. सुपरफास्ट स्पेशल, कानपुर सेंट्रल प्रतापगढ़ जं. इंटरसिटी एक्सप्रेस, और उद्योग नगरी एक्सप्रेस। यह स्टेशन वाराणसी, रायबरेली, लखनऊ, अयोध्या, सुल्तानपुर, और प्रयागराज जैसे प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। प्रतापगढ़ जंक्शन से प्रतिदिन लगभग 20,000 यात्री यात्रा करते हैं, जिससे यह एक व्यस्त स्टेशन बनता है।
प्रतापगढ़ जंक्शन के पड़ोसी स्टेशन हैं चिलबिला जंक्शन, जो लगभग 4 किलोमीटर दूर है, जागेषर गंज, जो लगभग 16 किलोमीटर दूर है, और माँ चंदिका धाम, जो लगभग 21 किलोमीटर दूर है।
यात्रियों की सुविधाओं के लिए प्रतापगढ़ जंक्शन पर मुफ्त वाईफाई, पीने के पानी की सुविधा, पार्किंग, प्रतीक्षालय, डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड, टी स्टॉल, बुक स्टॉल, फूड स्टॉल, रेस्टोरेंट, फुट ओवर ब्रिज, पे एंड यूज टॉयलेट्स, और विकलांग यात्रियों के लिए व्हील चेयर जैसी व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं। प्रतापगढ़ जंक्शन का विकास और पुनर्निर्माण कार्य प्रगति पर है, और इसके लिए 30 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। इस राशि का उपयोग प्लेटफार्मों के कायाकल्प और अन्य सुविधाओं के उन्नयन के लिए किया जा रहा है।