देवानंद जी का जन्म 26 सितम्बर 1923 को शंकरगढ़ तहसील, जिला गुरदासपुर, पंजाब ( ब्रिटिश इंडिया ) में हुआ, जो कि अब पाकिस्तान में है । बहुत से लोगों को नहीं पता है कि बॉलीवुड के सदाबहार अभिनेता देव आनंद ने 1930 के दशक में प्रतापगढ़ शहर के माधोगंज (महुली) क्षेत्र में अपने मामा के साथ अपनी किशोरावस्था के लगभग छह साल बिताए थे। महुली क्षेत्र के रहने वाले ओम प्रकाश पांडे के अनुसार उस वक्त देवानंद का नाम चीरू हुआ करता था। वे अपने मामा ओम प्रकाश आनंद और विश्वामित्र आनंद के साथ रहने आये थे जो उस वक्त प्रतापगढ़ नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन रह चुके थे। उस वक्त देवानंद की उम्र महज 11 साल थी। बाद में जब वे अपने भाई चेतन आनंद की फ़िल्म में कामयाबी हासिल करके एक विख्यात अभिनेता हुए तब उन्होंने अपना नाम धरम देवदत्त पिशोरीमल आनंद से देवानंद रख लिया।
2001 में देव साहब को पदम भूषण से सम्मनित किया गया और 2002 में दादा साहब फ़ाल्के पुरुस्कार प्रदान किया गया। अपने 65 साल के अभिनय जीवन काल में उन्होने 114 हिन्दी फ़िल्में की जिनमें से 104 में वह स्वयं मुख्य भूमिका में रहे। इसके अलावा 2 अंग्रेजी फ़िल्में भी की। वे 1946 से लेकर 2011 तक फ़िल्म जगत में सक्रिय रहे। इस अवधि में निर्देशक, लेखक ,निर्माता और नवकेतन फ़िल्म्स के सह संस्थापक भी रहे। इनकी दो संतानें थी सुनील आनंद और दूसरी देवीना आनंद। इनकी पत्नी का नाम था कल्पना कार्तिक। 3 दिसम्बर 2011 को लगभग 88 साल की अवस्था में लंदन इंग्लैंड में इनका निधन हो गया। नीचे जिस घर का चित्र आप देख रहे हैं ये वही मकान है जिसमें देवानंद साहब ने अपने बचपन के 6 साल गुजारे थे। उनके मामा-मामी के चले जाने के बाद आज ये पूरी तरह खंडहर में बदल चुका है।
देवानंद के मामा का महुली में पुराना घर
( Dev aanand Old House, Mahuli, Pratapgarh )
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