चिलबिला से पट्टी रोड पर स्थित महुली चौराहे से उत्तर की ओर नहर के किनारे भोरई का पुरवा स्थित है। नहर के किनारे कुछ दूर चलने पर खेतों के बीच एक छोटा सा मंदिर है जिसमें काली माँ की मूर्ति स्थापित है। देखने से लगता है कि पास के ग्रामवासियों ने इस मंदिर को स्थापित किया होगा। लेकिन स्थापित करने के पीछे कारण कोई नहीं जानता। ये मंदिर कितना पुराना है इसके विषय में भी कोई सटीक जानकारी नहीं है। ये मंदिर विशेष इसलिए है क्योंकि कई बार इसे तोड़ने या हटाने की कोशिश की गई लेकिन जिसने भी ऐसा करने के बारे में सोचा स्थानीय लोगों के अनुसार उसके घर में कोई न कोई भयंकर रूप से बीमार पड़ा। कुछ लोगों का मत है कि पहले यहाँ जानवरों की बलि दी जाती थी और कुछ के अनुसार ये मंदिर इसलिए बना ताकि खतों को जंगली जानवरों से बचाया जा सके।
काली माँ का रहस्यमय मंदिर महुली (Mysterious Temple of Kali Maa Mahuli Pratapgarh)
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