प्रतापगढ़ के पट्टी विकास खंड में स्थित महदहा गाँव से 5 किलोमीटर आगे वारीकलां मार्ग पर स्थित है एक और स्थान जहां पुरातत्व के लोगों ने खुदाई की थी। गाँव वालों के अनुसार यहाँ से भी मानव कंकाल प्राप्त हुए थे। कुछ लोग आभूषण एवं मिट्टी के बने हुए पात्र पाए जाने की बात करते हैं। लेकिन पुरातत्व द्वारा यहाँ पर किसी भी तरह का बोर्ड नहीं लगाया गया है। इसलिए स्पष्ट रूप से ये कहना कठिन है कि प्रमाणित रूप में यहाँ से क्या मिला था।
महाभारत कथा के अनुसार ये वही दमदमा है जहां पर कीचक एवं उनके भाइयों के महलों का उल्लेख किया गया है। कीचक, राजा विराट का सेनापति था। वहीं राजा विराट जिनके यहाँ पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान वेश बदल कर रहा करते थे। इसी अवधी में कीचक ने द्रौपदी के साथ अभद्र व्यवहार किया था। जिसके चलते भीम ने कीचक का वध कर दिया। कीचक के वध से नाराज उसके साथियों ने द्रौपदी को श्मशान में भस्म करने की ठानी। भीम ने दमदमा में स्थित कीचक के महल में उसे जिंदा जला दिया था। साथ ही उसकी सेना को भी जलते महल के भीतर डाल दिया था। कुछ सैनिक भाग खड़े हुए जिन्हें भीम ने दौड़ा कर महदहा में वध किया। जहां पर खुदाई में मानव कंकाल पाए गए थे।
Nice 😊 information 🙂 bro
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