प्रतापगढ़ जिले में मुख्य रूप से रिक्शा, टैम्पो, साइकिल, मोटरसाइकिल, बस, ट्रक इत्यादि प्रमुख वाहन हैं।
स्थानीय लोगों को एक जगह से दूसरे जगह तक जाने के लिये मानव चलित रिक्शा व टैम्पो, हर चौराहे, नुक्कड़ और गली-मुहल्ले में मिल जाते हैं।
गाँव-गाँव में पक्की सड़कों का निर्माण हो चुका है जिससे वाहन की व्यवस्था और आने-जाने की सुगमता, पहले से काफी बेहतर हो चुकी है।
छोटा-मोटा सामान ढोने के लिये पिकअप व छोटा हाथी के साथ मानव चलित ट्राली वाले भी जगह-जगह उपलब्ध हैं।
एक जिले से दूसरे जिले तक जाने के लिये सरकारी बस व प्राइवेट बस कम खर्चीले साधन साबित होते हैं। स्थानीय लोग इन्हीं का इस्तेमाल प्रचुरता में करते हैं।
लोकल ट्रेनों का भी प्रयोग काफी होता है।
प्रतापगढ़ से आपको निम्न जगह जाने के लिये सुगमता से वाहन उपलब्ध हो सकता है जैसे- इलाहाबाद, सुल्तानपुर, गोण्डा, मिर्जापुर, बस्ती, रायबरेली, लखनऊ, कौशाम्बी, भदोही, फैजाबाद, अन्तु, लालगंज, जेठवारा, कुण्डा, पट्टी, बिहारगंज, किशुनगंज इत्यादि।
स्थानीय लोगों को एक जगह से दूसरे जगह तक जाने के लिये मानव चलित रिक्शा व टैम्पो, हर चौराहे, नुक्कड़ और गली-मुहल्ले में मिल जाते हैं।
गाँव-गाँव में पक्की सड़कों का निर्माण हो चुका है जिससे वाहन की व्यवस्था और आने-जाने की सुगमता, पहले से काफी बेहतर हो चुकी है।
छोटा-मोटा सामान ढोने के लिये पिकअप व छोटा हाथी के साथ मानव चलित ट्राली वाले भी जगह-जगह उपलब्ध हैं।
एक जिले से दूसरे जिले तक जाने के लिये सरकारी बस व प्राइवेट बस कम खर्चीले साधन साबित होते हैं। स्थानीय लोग इन्हीं का इस्तेमाल प्रचुरता में करते हैं।
लोकल ट्रेनों का भी प्रयोग काफी होता है।
प्रतापगढ़ से आपको निम्न जगह जाने के लिये सुगमता से वाहन उपलब्ध हो सकता है जैसे- इलाहाबाद, सुल्तानपुर, गोण्डा, मिर्जापुर, बस्ती, रायबरेली, लखनऊ, कौशाम्बी, भदोही, फैजाबाद, अन्तु, लालगंज, जेठवारा, कुण्डा, पट्टी, बिहारगंज, किशुनगंज इत्यादि।